Chapter Notes and Summary
प्रस्तुत काव्य में ग्रामीण संवेदना के साथ-साथ शहरी मध्यम वर्गीय जीवन को भी व्यक्त किया गया है।
मेघों के आने पर जो खुशी होती है कवि उसकी तुलना दामाद से कर रहा है।
जिस प्रकार गाँव में दामाद के आने पर परिवार के खास मेहमान का स्वागत किया जाता है‚ उसी प्रकार मेघों के आने पर भी धरती पर स्थित जीव-जंतु‚ प्राणी‚ पेड़-पौधे सभी खुशी से झूम उठते हैं। मेघ रूपी बादलों के आने पर धूल-मिट्टी के साथ हवा नाचते-गाते हुए आगे की ओर बढ़ने लगती है।
सभी लोग दरवाजे-खिड़कियाँ खोलने लगते हैं ताकि उमड़-घुमड़ करते हुए बादलों को देख सकें। पीपल का बूढ़ा पेड़ भी झूमकर इनका स्वागत करता है।
तालाब मेघों के आने की खुशी में परात में पानी भर लाया है। जब घने मेघ आकाश में छा जाते हैं‚ तब ऐसा प्रतीत होता है; जैसे किसी मुख्य अतिथि के स्वागत के लिए लोग इकट्ठा हो गए हों। जब मेघ बरसने लगता है‚ तब बादलों और धरती का आपसी मेल हो जाता है।