Chapter Notes and Summary
‘अग्निपथ’ हरिवंश राय बच्चन की महत्त्वपूर्ण एवं प्रसिद्ध कविता है। यह कविता मनुष्य के संघर्षमय जीवन को दर्शाती है। ‘अग्निपथ’ मनुष्य के संघर्ष युक्त जीवन का प्रतीक है। इस कविता में कवि मनुष्य को निरंतर कर्मरत रहने का संदेश देता है।
कर्म की पूर्ति के बिना किसी तरह के सुख की चाह निरर्थक है। कवि मनुष्य के ‘अश्रु-स्वेद-रक्त से लथपथ’ अग्निपथ पर चलते रहने को प्रेरित करता है। यह कविता प्रेरित करती है निरंतर कर्मरत रहने हेतु। लक्ष्य तक पहुँचने से पूर्व राही को न तो छाया ढूँढ़नी चाहिए और न ही उसे थकना एवं रुकना चाहिए। इस दृढ़ निश्चय के साथ ही मनुष्य को बढ़ते रहना चाहिए। पीछे मुड़कर देखना संघर्षशील व्यक्ति का काम नहीं है। इस कविता में शब्दों की बार-बार पुनरावृत्ति मनुष्य को आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।