Chapter Notes and Summary
‘जहाँ पहिया है’ सुप्रसिद्ध पत्र्कार ‘पी. साईनाथ’ की अंग्रेजी से अनूदित रिपोर्ट है। इस पाठ में तमिलनाडु राज्य के ‘पुडुकोटई’ जिले की महिलाओं में आई क्रान्ति का वर्णन है। पुडुकोटई की ग्रामीण महिलाओं ने अपनी स्वाधीनता, आजादी और गतिशीलता को अभिव्यक्त करने के लिए प्रतीक के रूप में साइकिल को चुना है। अत्यन्त रूढ़िवादी विचारों में पली युवा मुस्लिम लड़कियाँ, महिला, खेतिहर मजदूर, मजदूर औरतें, नर्सें, बालबाड़ी और आँगनबाड़ी कार्यकर्ता, अध्यापिकाएँ साइकिल का खूब इस्तेमाल करतीं, जिसमें ज्यादातर नवसाक्षर युवतियाँ थीं। साइकिल चलाना सीखने से महिलाएँ आत्मनिर्भर हो गई थीं और उनकी आर्थिक समस्याओं को दूर करने में सहायता हो रही थी। गाँव में साइकिल प्रशिक्षण शिविर भी चलाए गए जिससे महिलाओं में आत्मसम्मान की भावना जाग्रत हुई। गाँव की महिलाओं में स्वाधीनता, आजादी व गतिशीलता को व्यक्त करने के लिए साइकिल को अपने प्रतीक के रूप में चुना। साइकिल महिलाओं की आजादी तथा खुशहाली का प्रतीक है।