Chapter Notes and Summary
नेहरू जी अंत में निष्कर्ष रूप से भारत की खोज के बारे में कहते हैं कि मैंने क्या खोजा, क्या पाया है? यह कल्पना करना कि मै उसके पर्दे को हटाकर उसका वर्तमान रूप देख सकूँगा, कि वह अपने वर्तमान रूप में क्या है और उसका लंबा अतीत क्या रहा होगा, मेरी अनाधिाकार चेष्टा थीकि वास्तव में भारत एक भौगोलिक और अर्थिक सत्ता है जिसकी विभिन्नता में सांस्स्रतिक एकता है। यह विरूद्धों का एक पुंज है जो मजबूत और अदृश्य सूत्रें से बंधा है। वह अपराजेय है। हर युग में यहाँ महान पुरुषों ने जन्म लिया है। नेहरू जी कहते है कि भारत अब ‘एक दुनिया’ की ओर बढ़ रहा है जहाँ राष्ट्रीय संस्स्रतियाँ मानव जाति की अंतर्राष्ट्रीय संस्स्रति में घुल-मिल जाएँगी।