Chapter Notes and Summary
चौथे दिन युद्ध में शल्य का पुत्र् मारा गया। भीम ने दुर्योधन के आठ भाई मार दिए। दुर्योधन के बाण से भीम मू£छत-सा होकर रथ पर बैठ गया। अपने पिता की यह दशा देखकर घटोत्कच ने भयानक युद्ध किया। कौरव-सेना भाग खड़ी हुई। अत: भीष्म ने युद्ध बंद कर दिया।
दुर्योधन शोकग्रस्त हो गया। पाँचवें दिन के युद्ध में अर्जुन ने कौरव सेना के हजारों सैनिक मार दिए। कौरव-सेना ने भी अर्जुन को घेरा। छठे दिन दुर्योधन बुरी तरह घायल होकर रथ से गिर पड़ा जिसे स्रपाचार्य ने अपने रथ पर ले लिया। दुर्योधन की जान बच गई। उस दिन सूर्यास्त के बाद भी युद्ध चला। जब युद्ध बंद कर धृष्टद्युम्न और भीमसेन सवुळशल शिविर में लौट आए तो युधिष्ठिर ने बड़ा आनंद मनाया।