Chapter Notes and Summary
नेहरू जी इलाहाबाद में थे और उनकी दस वर्षीय पुत्री इंदिरा गाँधी मसूरी में थी। नेहरू जी पत्र् के माधयम से दुनिया और छोटे देशों के बारे में अपनी पुत्री को बताना चाहते थे। उन्होंने अपने पत्र् में लिखा पूरी दुनिया को जानना जरूरी है, न कि केवल उसी देश के विषय में, जिसमें कोई पैदा हुआ है। यह दुनिया एक है और उसमें रहने वाले सभी भाई-बहन हैं।
यह धारती लाखों-करोड़ों वर्ष पुरानी है। एक समय था जब धारती बेहद गर्म थी और इस पर कोई जीवित नहीं रह सकता था। पुराने जमाने में जब आदमी नहीं था, तब किताबें कौन लिखता? पहाड़, समुद्र, सितारों, नदियाँ, जंगल आदि के माधयम से भी पुरानी दुनिया का पता लग सकता है। इसके लिए संसार रूपी पुस्तक को पढ़ना होगा।
कोई चिकना-सा पत्थर भी अपने बारे में बहुत कुछ बताता है कि यह गोल, चिकना और चमकीला वैळसे हो गया। पानी बहाकर घाटी तक ले आया। वहाँ से एक पहाड़ी नाले ने धाकेलकर उसे एक छोटे-से दरिया में पहुँचा दिया। जिससे उसके किनारे घिस गए और यह चिकना व चमकदार बन गया। अगर दरिया उसे और आगे ले जाता तो वह छोटा होकर बालू का एक कण बन जाता और सागर के किनारे जम जाता।
अगर छोटा-सा पत्थर इतनी जानकारी दे सकता है, तो पहाड़ों और अन्य चीजों से हमें अनेक बातें मालूम हो सकती हैं।