Chapter Notes and Summary
पाठ की लेखिका हेलेन केलर दृष्टिहीन एवं बधिार थी। लेखिका ने कुछ जानने के लिए जब अपनी मित्र् से पूछा कि उन्होंने क्या-क्या देखा है। उनकी सहेली तभी कुछ समय पहले जंगल की सैर करके आई थी, फिर भी उसने कहा उसने कुछ खास नहीं देखा। यह सुनकर लेखिका सोचती है जिसकी आँखें होती हैं, वो फिर भी बहुत कम देखते हैं, और लेखिका आँखें न होने के बाद भी सैकड़ों चीजें देख सकती है। लेखिका सभी चीजों को छूकर और महसूस करके सभी चीजों के बारे में जानकारी प्राप्त करती है। वह पक्षियों का गीत अनुभव करती है।
घास का मैदान तो उन्हें कालीन से भी अधिाक प्रिय है। प्रति की इन सुन्दर चीजों से उन्हें इतना आनन्द मिलता है, तो उन्हें देखने से तो मन मुग्धा हो जाए। लेखिका कहती है लोगों के अपने पास जो है, उसकी कद्र नहीं करते। दृष्टि के ईश्वरीय उपहार से लोग अपने जीवन को इन्द्रधानुषी रंगों से रंगीन कर सकते हैं।