Chapter Notes and Summary
सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा रचित प्रसिद्ध कविता ‘झाँसी की रानी’ लक्ष्मीबाई की वीरता के विषय में है। बुंदेलखण्ड के ‘हर बोले’ (लोकगायक) लोग आज भी रानी लक्ष्मीबाई की वीरता के गीत गाकर सुनाते हैं।
कवयित्री कहती हैं कि उसने भी लक्ष्मीबाई की वीरता की कहानी इन्हीं हरबोलों से सुनी है। कविता में भारत के बूढ़े होने, आज़ादी प्राप्त करने का जोश लोगों में आने, लक्ष्मीबाई के बचपन, जवानी, विवाह, विधावा होने, अंगे्रज़ों के षड्यन्त्र् को किल करने, उन्हें परास्त करने तथा उन्हीं के साथ घमासान युद्ध में वीरगति को प्राप्त करने का वर्णन है। इस कविता से भारत के प्रथम स्वतंत्र्ता संग्राम 1857 के आसपास की राजनैतिक स्थितियों का भी पता चलता है। इस कविता के माधयम से छात्रें में देश-प्रेम की भावना जगाने तथा मातृभूमि की रक्षा के लिए आत्मबलिदान की प्रेरणा दी गई है।