Chapter Notes and Summary
कविता का सारांश
यह कविता श्री केदारनाथ अग्रवाल द्वारा रचित नीले पंखों वाली एक सुन्दर चिड़िया के विषय में है। यह चिड़िया जुंडी के दानों को बड़ी रुचि से खाती है। वह मधुर स्वर में गाती हुई जंगल में इधार-उधार उड़ती रहती है। वह नदी के जल से अपनी प्यास बुझाती है। इसके नीले पंख अत्यन्त सुन्दर हैं। इसे अनाज के दानों, जंगल, बाग-बगीचे और नदी से बहुत प्यार है। यह छोटी, संतोषी परन्तु गर्वीली चिड़िया है। कवि ने वास्तव में अपने स्वभाव को उस नीली चिड़िया जैसा बताया है। कवि अपने भीतर की कल्पित चिड़िया के माधयम से मनुष्य के महत्त्वपूर्ण गुणों को उजागर कर रहा है।