2. भोजन
भोजन तथा इसके संघटक
भोजन: समस्त प्राणियों को प्रकृति में जीवित रहने के लिए तथा समस्त कार्य को सही ढंग से करते रहने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है तथा इनका मुख्य स्रोत भोजन है। जीव-जन्तुओं के भोजन का मुख्य स्रोत पेड़-पौधे हैं तथा पेड़-पौधे भी अपना भोजन स्वयं बनाते हैं। इसलिए उन्हें स्वपोशी कहा जाता है। अन्य जीव-जन्तु पौधें या दूसरों पर आश्रित होते हैं इसलिए उन्हें परपोशी कहा जाता है।
पौधों में स्वपोषण: पौधों की हरी पत्तियाँ, तने और जड़ उनके भोजन बनाने में सहायता करते हैं। हरे पत्ते सूर्य के प्रकाश से प्रकाश ऊर्जा, वातावरण से कार्बन डाईऑक्साइड, ज़मीन से जल तथा खनिज लवण और जड़ तथा तनों की सहायता से अपने भोजन का निर्माण करते हैं। यह भोजन कार्बनिक पदार्थ के रूप में होता है तथा ये कार्बनिक पदार्थ कार्बोहाइड्रेट कहलाता है, जो शर्करा के रूप में होता है और यह तुरन्त स्टार्च में परिवर्तित होकर पौधे के प्रत्येक भाग में वितरित हो जाता है। इस दौरान ऑक्सीजन गैस का उत्सर्जन होता है।
जन्तुओं में पोषण: जन्तु अपना भोजन पैड़-पौधों तथा अन्य जीव-जन्तुओं से प्राप्त करते हैं। भोजन प्राप्त करने की इस प्रक्रिया को पोशण कहा जाता है। भोजन के आधार पर जन्तुओं को तीन श्रेणियों में बाँटा गया है, जो निम्न हैं: