12. अवधारणा प्रस्तुत करने के दृष्टिकोण
विश्लेषण तथा संश्लेषण विधि
विश्लेशण विधि का पूरक संश्लेशण विधि को कहा जाता है तथा संश्लेशण विधि का पूरक विश्लेशण विधि को कहा जाता है अर्थात् दोनों विधियाँ एक-दूसरे की पूरक होती हैं। किसी समस्या का समाधान ढूँढ़ने के बाद उसका सत्यापन भी आवश्यक होता है।
विश्लेषण विधि
विश्लेशण विधि में अज्ञात से ज्ञात की ओर चला जाता है। इस विधि में छात्र किसी समस्या के समाधान के लिए किन-किन बातों की आवश्यकता है, उन्हें स्वंय ढूँढ़ता है। वह समस्या को छोटे-छोटे भागों में बाँटकर उसके समाधान को ढूँढ़ने का प्रयत्न करता है।